इस आर्टिकल में जानकारी दी गई है कि जिला कलेक्टर को ऑनलाइन शिकायत कैसे करें? आज के समय में भी देखा जाए तो बहुत से लोग इन समस्याओं से परेशान है जैसे कि:- सरकारी कार्यालयों में देरी, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं, खराब सड़कें, जलापूर्ति की समस्याएं, बिजली की कटौती, बाल विवाह, दहेज प्रथा, या महिला उत्पीड़न जैसी आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि घर बैठे जिला कलेक्टर को ऑनलाइन शिकायत कैसे करें?
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप आसानी से जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र भेज सकते हैं। कलेक्टर से शिकायत करने से पहले हम इनके बारे में जानने कि कोशिश करेंगे कि जिला कलेक्टर कौन है, जिला कलेक्टर के अधिकार, जिला कलेक्टर के कार्य और जिला कलेक्टर का नाम पहले जानते हैं। आप यह भी पढ़ सकते हैं:- योगी आदित्यनाथ से ऑनलाइन शिकायत कैसे करें?
Table of Contents
जिला कलेक्टर को ऑनलाइन शिकायत कैसे करें?
जिला कलेक्टर को ऑनलाइन शिकायत आप इन स्टेप को फॉलो करके कर सकते हैं। लेकिन हर एक राज्य में सरकार/सिकायत की वेबसाइट/पोर्टल अलग-अलग होता है। आपको अपने राज्य की सरकार की वेबसाइट/पोर्टल पर जाना होगा। यहाँ देखें 👉राज्य की सरकार की वेबसाइट/पोर्टल पर कैसे जाए? उदाहरण के लिए up सरकार – उत्तर प्रदेश सरकार। जिला कलेक्टर को ऑनलाइन शिकायत करने के लिए नीचे दिये गए स्टेप को फॉलो करें:
स्टेप 1. अपने राज्य की सरकार की वेबसाइट पर जाए:
सबसे पहले, आप अपने राज्य की सरकार की वेबसाइट पर जाए। जैसे उत्तर प्रदेश: पोर्टल को खोलने के लिए, आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं: https://jansunwai.up.nic.in/
स्टेप 2. “जनसुनवाई” या “शिकायत निवारण” जैसी एक सुविधा खोजे:
वेबसाइट पर, आपको “जनसुनवाई” या “शिकायत निवारण” जैसी एक सुविधा खोजनी होगी। जनसुनवाई पोर्टल खोलने के बाद “शिकायत ऑनलाइन दर्ज करें” बटन पर क्लिक करें
स्टेप 3. ऑनलाइन आवेदकों नीतिया पर क्लिक करें।
“शिकायत ऑनलाइन दर्ज करें” बटन पर क्लिक करने के बाद (ऑनलाइन आवेदकों के लिए वेबसाइट नीतिया) फोम खुलेगा। आप इन्हें ध्यान से पढ़ें। पढ़ने के बाद आपको एक खाली बॉक्स दिखेगा। वहां पर क्लिक करने के बाद सही का निशान लग जाएगा। उसके बाद “सबमिट करें” बटन पर क्लिक करें।
स्टेप 4. ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल में अकाउंट बनाये।
सबमिट बटन पर क्लिक करने के बाद ऐसा एक ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल फॉर्म दिखेगा। इसमें आपको अपना मोबाइल नंबर डालकर और कैप्चा को फिल करके ओटीपी भेजें पर सबमिट करना होगा। उसके बाद आपके नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा। उस ओटीपी को इसमें डालकर सबमिट कर देना है आपका अकाउंट बन कर तैयार हो जायेगा।
स्टेप 5. ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण फॉर्म को भरे।
अकाउंट बनाने के बाद ऐसा एक ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण फॉर्म खुलेगा। इस फॉर्म मे (आवेदनकर्ता का विवरण मे) अपना नाम, पिता/पति का नाम, जेंडर/लिंग, मोबाइल नंबर, ईमेल भरे और (संदर्भ के विवरण) में संदर्भ का प्रकार, विभाग, संदर्भ श्रेणी, किनसे आप सिकायत करना चाहते हैं भरे। अपने (सुझाव छेत्र की जानकारी) भरे संदर्भ का दस्तावेज या पुराने संदर्भो का विवरण भरकर “संदर्भ सुरक्षित” बटन पर क्लिक करके सबमिट कर दें। आपका सिकायत दर्ज हो जायेगा। इन तरीको से आप जिला कलेक्टर को ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। जरूरी: इस तरीको को फॉलो करके आप किसी भी अधिकारी को सिकायत पत्र भेज सकते हैं। आपको समस्या के साथ अधिकारी का नाम आप किनको ये समस्या बताना चाहते हैं। जरूर डालना है।
स्टेप 6. सिकायत संख्या नोट कर लें।
शिकायत दर्ज होने के बाद आपको एक शिकायत संख्या प्राप्त होगी। आप इस शिकायत संख्या का उपयोग अपनी शिकायत की स्थिति को ट्रैक/जाँच करने के लिए कर सकते हैं।
जिला कलेक्टर के अधिकार क्या क्या हैं?
जिला कलेक्टर जिले का प्रमुख अधिकारी होते हैं। वह राज्य सरकार का प्रतिनिधि होते हैं और जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखना, विकास कार्यों को लागू करना और लोगों की शिकायतों को सुनना उनकी जिम्मेदारी होती है।
जिला कलेक्टर के अधिकारों में शामिल हैं:
- कानून और व्यवस्था बनाए रखना: जिला कलेक्टर जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी होती है। वह पुलिस, राजस्व और अन्य अधिकारियों को निर्देश दे सकते हैं।
- विकास कार्यों को लागू करना: जिला कलेक्टर जिले में विकास कार्यों को लागू करने के लिए जिम्मेदार होते है। वह सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए योजनाएं बना सकते हैं और उन्हें लागू कर सकते हैं।
- शिकायतों को सुनना: जिला कलेक्टर लोगों की शिकायतों को सुनने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वह शिकायतों की जांच कर सकते हैं और उन्हें निपटाने के लिए कार्रवाई कर सकते हैं।
जिला कलेक्टर के अधिकार राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
जिला कलेक्टर के कार्य क्या क्या है?
जिला कलेक्टर जिले का प्रमुख अधिकारी होता है। वह राज्य सरकार का प्रतिनिधि होता है और जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखने, विकास कार्यों को लागू करने और लोगों की शिकायतों को सुनने के लिए जिम्मेदार होता है।
जिला कलेक्टर के कार्यों में शामिल हैं:
- कानून और व्यवस्था बनाए रखना: जिला कलेक्टर जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। वह पुलिस, राजस्व और अन्य अधिकारियों को निर्देश दे सकता है। इसके लिए वह निम्नलिखित कार्य करता है:
- जिले में शांति और व्यवस्था बनाए रखना।
- अपराधों की रोकथाम और उनका संज्ञान लेना।
- अपराधियों को गिरफ्तार करना और उन्हें न्याय के चरणों में पेश करना।
- शांतिपूर्ण प्रदर्शनों और सभाओं की अनुमति देना और उनका संचालन करना।
- विकास कार्यों को लागू करना: जिला कलेक्टर जिले में विकास कार्यों को लागू करने के लिए जिम्मेदार होता है। वह सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए योजनाएं बना सकता है और उन्हें लागू कर सकता है। इसके लिए वह निम्नलिखित कार्य करता है:
- जिले की विकास योजनाओं को तैयार करना और उनको लागू करना।
- विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय करना।
- विकास कार्यों के लिए धन जुटाना।
- विकास कार्यों की निगरानी और मूल्यांकन करना।
- शिकायतों को सुनना: जिला कलेक्टर लोगों की शिकायतों को सुनने के लिए जिम्मेदार होता है। वह शिकायतों की जांच कर सकता है और उन्हें निपटाने के लिए कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए वह निम्नलिखित कार्य करता है:
- शिकायत निवारण समितियों का गठन करना और उनकी अध्यक्षता करना।
- शिकायतों की सुनवाई करना और उन्हें निपटाने के लिए कार्रवाई करना।
- शिकायतकर्ताओं को न्याय दिलाना।
- भूमि राजस्व का संग्रह करना: जिला कलेक्टर जिले में भूमि राजस्व का संग्रह करने के लिए जिम्मेदार होता है। इसके लिए वह निम्नलिखित कार्य करता है:
- भूमि राजस्व की दरें निर्धारित करना।
- भूमि राजस्व का संग्रह करना।
- भूमि राजस्व से संबंधित विवादों को सुलझाना।
- राजस्व न्यायालय का संचालन करना: जिला कलेक्टर जिले में राजस्व न्यायालय का संचालन करता है, जो भूमि से संबंधित विवादों को सुलझाता है। इसके लिए वह निम्नलिखित कार्य करता है:
- राजस्व न्यायालय में मामलों की सुनवाई करना।
- न्यायिक निर्णयों को पारित करना।
- भूमि से संबंधित विवादों को सुलझाना।
- वैधानिक प्रमाण पत्र जारी करना: जिला कलेक्टर विभिन्न प्रकार के वैधानिक प्रमाण पत्र जारी करता है, जैसे कि जन्म, मृत्यु, विवाह और अधिवास प्रमाण पत्र। इसके लिए वह निम्नलिखित कार्य करता है:
- वैधानिक प्रमाण पत्रों के लिए आवेदनों की प्राप्ति और उनका निपटान करना।
- वैधानिक प्रमाण पत्रों को जारी करना।
जिला कलेक्टर के कार्यों का विस्तृत विवरण राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। प्रत्येक राज्य में जिला कलेक्टर के कार्यों में कुछ अंतर हो सकते हैं।
जिला कलेक्टर किस किस नाम से जाना जाता है – जिला कलेक्टर का नाम
जिला कलेक्टर को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जो राज्य और क्षेत्र के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। कुछ सामान्य नामों में शामिल हैं:
- कलेक्टर
- जिलाधिकारी
- जिला मजिस्ट्रेट
- जिला प्रशासक
- जिला अधिकारी
- जिला प्रमुख
इन नामों में से प्रत्येक का अपना अर्थ है। उदाहरण के लिए, “कलेक्टर” का अर्थ है “राजस्व संग्रह करने वाला व्यक्ति”, जबकि “जिलाधिकारी” का अर्थ है “जिले का अधिकारी”।
भारत में, जिला कलेक्टर आमतौर पर एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी होता है। वह जिले का प्रमुख अधिकारी होता है और राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। जिला कलेक्टर के पास जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखने, विकास कार्यों को लागू करने और लोगों की शिकायतों को सुनने के लिए व्यापक अधिकार और जिम्मेदारियां होती हैं।
जिला कलेक्टर को अक्सर “जिले का पिता” कहा जाता है। यह नाम उसके व्यापक अधिकारों और जिम्मेदारियों को दर्शाता है। जिला कलेक्टर जिले के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
राज्य की सरकार की वेबसाइट/पोर्टल पर कैसे जाए?
सबसे पहले अपने मोबाइल या कंप्यूटर के ब्राउज़र मे जाए। उसमें google खोल ले। वहाँ टाइप करें Up Sarkar. 🔍 करें। इस तरह आपके सामने राज्य की सरकार की वेबसाइट आ जायेगी। आप जिस प्रदेश में रहते वहाँ का नाम और सरकार लगा कर सर्च करें।
निष्कर्ष
मैं आशा करता हूं कि मेरा यह पोस्ट जिला कलेक्टर को ऑनलाइन शिकायत कैसे करें? आपके लिए बहुत ही मददगार साबित हुआ होगा इस पोस्ट में कलेक्टर के संबंध शिकायत से लेकर नाम, पद, अधिकार, कार्य, आदि चीजों के बारे में बताया गया है। अगर आपके मन में कोई अतिरिक्त सवाल हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट जरुर करें हम आपको जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिश करेंगे।
1 thought on “जिला कलेक्टर को ऑनलाइन शिकायत कैसे करें घर बैठे – 2024 में”