विषय- असली शालिग्राम की पहचान कैसे करें?:- शालिग्राम एक विशेष तरह का पत्थर होता है यह नेपाल के मुक्तिनाथ के पास गंडकी नामक नदी में पाया जाता है। शालिग्राम को लोग भगवान विष्णु का प्रतीक भी मानते हैं। हमारे हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि इसे अपने घर में रखने से और इसकी पूजा करने से अच्छा जीवन, अच्छा स्वास्थ्य, लंबी उम्र, और हरेक काम में सफलता प्राप्त होती है। कई लोग शालिग्राम पत्थर को खरीदते हैं। ऐसे में उनके मन में सवाल आता है कि असली शालिग्राम शिला की पहचान कैसे करें?
बहुत छानबीन करने के बाद हम आपके लिए यह लेख लिख रहे हैं जिससे कि आपको यह जानने में आसानी होगी कि शालिग्राम असली है या नकली। अगर आपका प्रश्न है कि असली शालिग्राम की पहचान कैसे करें तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकता है।
असली शालिग्राम की पहचान कैसे करें?
शालिग्राम शिला की पचाहन करने के लिए हम आपको पांच तरीके बताएंगे जिससे आप आसानी से शालिग्राम पत्थर की पहचान सकते हैं कि शालिग्राम असली है या नकली। वह पांच तरीका नीचे स्टेप बाय स्टेप दिए गए हैं:
स्टेप 1. सोने को शालिग्राम से रगड़ कर:
![सोने को शालिग्राम से रगड़ कर](https://videos.pachn.com/wp-content/uploads/2023/12/20231225_064408_0000-1024x576.webp)
जब आप सोने को शालिग्राम पत्थर से रगड़ेंगे तो सोना शालिग्राम पत्थर के अंदर चला जाता है। अगर आप इस शालिग्राम पत्थर पर रगड़े हुए सोने को साफ करेंगे तो सोना बाहर नहीं निकलेगा। अगर हम दूसरी तरफ देखे तो सोने को सामान्य पत्थर पर रगड़ने पर कपड़े से साफ किया जाये तो पत्थर साफ हो जाता है।
स्टेप 2. रंग की पहचान करके
असली शालिग्राम गहरे काले रंग का होता है। इसमें चमक बिल्कुल भी नहीं होता है। वहीं दूसरी तरफ देखा जाये तो जो नकली शालिग्राम होता है उसका चमक बहुत अधिक होता है।
![शालिग्राम का रंग की पहचान करके](https://videos.pachn.com/wp-content/uploads/2023/12/%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%A8_%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%87-1024x576.webp)
स्टेप 3. वजन और मजबूती का अंदाज़ा लगाकर
![शालिग्राम वजन और मजबूती का अंदाज़ा लगाकर](https://videos.pachn.com/wp-content/uploads/2023/12/%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE_%E0%A4%B5%E0%A4%9C%E0%A4%A8_%E0%A4%94%E0%A4%B0_%E0%A4%AE%E0%A4%9C%E0%A4%AC%E0%A5%82%E0%A4%A4%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE_%E0%A4%B2%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0-1024x576.webp)
असली शालिग्राम का वजन प्राकृतिक होगा और वह कृत्रिम रूप से भारी या हल्का महसूस नहीं होगा। वही हम दूसरी तरफ बात करें तो नकली शालिग्राम का वजन प्राकृतिक नहीं होगा और वह कृत्रिम रूप से भारी या हल्का महसूस होगा
स्टेप 4. शालिग्राम की उत्पत्ति
असली शालिग्राम नेपाल के गंडकी नामक नदी में ही पाया जाता है। नेपाल के मुस्तांग जिले में मुक्तिनाथ में असली शालिग्राम बेचा जाता है।
![शालिग्राम की उत्पत्ति](https://videos.pachn.com/wp-content/uploads/2023/12/%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF-1024x576.webp)
स्टेप 5. विशेषज्ञ की राय लेकर
![शालिग्राम विशेषज्ञ की राय लेकर](https://videos.pachn.com/wp-content/uploads/2023/12/%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%87%E0%A4%B7%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF_%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A4%B0-1024x576.webp)
यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि शालिग्राम असली है या नहीं तो आप किसी पुजारी, पंडित या इसके संबंधित किसी विशेषज्ञ से पूछ सकते हैं। ये सब देखकर आपको बता देंगे की शालिग्राम असली है या नकली।
शालिग्राम की कीमत कितनी है?
शालिग्राम की कीमत उसके आकार पर निर्भर करती है। हमारे पास जो शालिग्राम उपलब्ध है उसकी कीमत ₹349 है जबकि तुलसी माला के साथ जो शालिग्राम आता है उसकी कीमत ₹549 है।
असली शालिग्राम हम कहां से खरीद सकते हैं?
असली शालिग्राम भारत और नेपाल में कई स्थानों पर खरीदे जा सकते हैं। भारत में, शालिग्राम मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, और ओडिशा में पाए जाते हैं। नेपाल में, शालिग्राम मुख्य रूप से गंडकी नदी के किनारे स्थित सालग्राम नामक गाँव में पाए जाते हैं।
असली शालिग्राम खरीदने के लिए, आप निम्नलिखित स्थानों पर जा सकते हैं:
- वैष्णव मंदिर: कई वैष्णव मंदिरों में शालिग्राम उपलब्ध होते हैं। इन मंदिरों में आमतौर पर अनुभवी वैष्णव होते हैं जो आपको असली शालिग्राम की पहचान करने में मदद कर सकते हैं।
- वैष्णव धार्मिक पुस्तकालय: कई वैष्णव धार्मिक पुस्तकालयों में शालिग्राम उपलब्ध होते हैं। इन पुस्तकालयों में आमतौर पर शालिग्राम की पहचान करने के लिए गाइडबुक होती हैं।
- ऑनलाइन: कई ऑनलाइन स्टोर असली शालिग्राम बेचते हैं। इन स्टोरों से खरीदते समय, एक विश्वसनीय विक्रेता से खरीदना सुनिश्चित करें।
शालिग्राम की पूजा विधि क्या है यहाँ देखे:
शालिग्राम की पूजा वैष्णव संप्रदाय में भगवान विष्णु के रूप में की जाती है। शालिग्राम की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है:
पूजा सामग्री:
- शालिग्राम
- तुलसी का पत्ता
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी)
- चंदन
- फूल
- धूप
- दीप
- नैवेद्य (फल, मिठाई आदि)
पूजा विधि:
- सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर एक चौकी बिछाएं।
- चौकी पर शालिग्राम को स्थापित करें।
- शालिग्राम पर पंचामृत और चंदन का लेप करें।
- शालिग्राम को तुलसी के पत्तों से सजाएं।
- शालिग्राम के सामने धूप और दीप जलाएं।
- शालिग्राम को नैवेद्य अर्पित करें।
- शालिग्राम के सामने भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
पूजा के मंत्र:
- “ओम नमो भगवते वासुदेवाय”
- “ओम नमो नारायणाय”
- “ओम नमो नारायणाय परमेशाय”
पूजा के बाद:
पूजा के बाद, शालिग्राम को साफ कपड़े से पोंछ लें। फिर, शालिग्राम को एक सुरक्षित स्थान पर रख दें।
शालिग्राम की पूजा नियमित रूप से करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। शालिग्राम की पूजा से ज्ञान, विद्या, धन, यश और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको शालिग्राम की पूजा करने में मदद कर सकते हैं:
- पूजा करते समय, शालिग्राम को नमस्कार करें और उन्हें भगवान विष्णु के रूप में मानें।
- पूजा में भक्ति और श्रद्धा का भाव रखें।
- पूजा के बाद, शालिग्राम को साफ और स्वच्छ रखें।
अगर आप शालिग्राम की पूजा करना चाहते हैं, तो इन सुझावों का पालन करने से आपको सही तरीके से पूजा करने में मदद मिलेगी।
असली शालिग्राम कहां मिलते हैं
असली शालिग्राम मुख्य रूप से नेपाल के गंडकी नदी में पाए जाते हैं। गंडकी नदी को शालिग्राम नदी भी कहा जाता है। शालिग्राम नदी के किनारे सालग्राम नामक एक गाँव भी है जहाँ से ये पवित्र पत्थर भी मिलता है।
शालिग्राम अन्य नदियों में भी पाए जा सकते हैं, लेकिन गंडकी नदी से प्राप्त शालिग्राम को सबसे पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गंडकी नदी में भगवान विष्णु के अवतार का निवास है।
शालिग्राम का आकार और आकार अलग-अलग होता है। वे आमतौर पर गोल या अंडाकार आकार के होते हैं। उनका आकार लगभग 1 से 3 इंच के बीच होता है। शालिग्राम का रंग आमतौर पर काला या भूरा होता है। उनमें कभी-कभी सफेद या पीले रंग के धब्बे भी हो सकते हैं।
इस लेख में हमने जाना है कि असली शालिग्राम की पहचान कैसे करते हैं इसके बारे में डिटेल मे जाना है उम्मीद है कि यह लेख आपके बहुत उपयोगी रहा होगा, इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें।